जानिए OGRAS 2.0 RMS क्या है, यह बिहार में कैसे काम करता है, इसके फायदे, चुनौतियाँ, उपयोग


OGRAS 2.0 RMS: The Next-Gen Revenue Management System for Bihar

Introduction

डिजिटल गवर्नेंस के इस युग में भारत के राज्यों की सरकारें अपने पुराने सिस्टम्स को आधुनिक तकनीक से जोड़ रही हैं। बिहार सरकार द्वारा शुरू किया गया OGRAS 2.0 RMS ऐसा ही एक अभिनव कदम है। यह राज्य का राजस्व प्रबंधन प्रणाली (Revenue Management System for Bihar) है, जो सरकारी राजस्व संग्रहण और लेखांकन प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज़ बनाता है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि OGRAS 2.0 RMS क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके लाभ, चुनौतियाँ और इसका नागरिकों पर क्या प्रभाव है।

OGRAS 2.0 RMS का परिचय

OGRAS क्या है?

OGRAS का पूरा नाम है Online Government Receipt Accounting System। यह एक ऑनलाइन पोर्टल है जिसके माध्यम से नागरिक विभिन्न सरकारी शुल्क, टैक्स, या फाइन का भुगतान कर सकते हैं। यह सिस्टम भुगतान को दर्ज करता है, उसका हिसाब रखता है और राशि को संबंधित सरकारी विभाग के खाते में भेजता है।

“2.0 RMS” क्यों?

OGRAS के पुराने वर्जन को अपग्रेड कर के नया OGRAS 2.0 RMS (Revenue Management System) तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य था – सिस्टम को तेज़, भरोसेमंद, और ज्यादा इंटीग्रेटेड बनाना ताकि राजस्व संग्रहण और ट्रांजेक्शन ट्रैकिंग में किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो।

मुख्य विशेषताएँ और संरचना

a. मॉड्यूलर और स्केलेबल डिज़ाइन

OGRAS 2.0 को इस तरह बनाया गया है कि विभिन्न विभाग इसे अपने-अपने कार्यों में जोड़ सकें। यह सिस्टम एक साथ लाखों ट्रांजेक्शन संभाल सकता है।

b. रियल टाइम फंड ट्रांसफर

पुराने सिस्टम में राशि ट्रेजरी तक पहुँचने में समय लगता था। नए RMS में भुगतान होते ही तुरंत मिलान (Reconciliation) और ट्रांसफर की सुविधा है।

c. पारदर्शिता और ऑडिट ट्रेल

हर ट्रांजेक्शन का समय, यूज़र आईडी, और यूनिक नंबर (GRN) रिकॉर्ड होता है जिससे किसी भी विवाद या जांच में आसानी होती है।

d. वेब और API इंटरफेस

OGRAS 2.0 RMS नागरिकों और सरकारी अधिकारियों दोनों के लिए वेब पोर्टल उपलब्ध कराता है, साथ ही अन्य सरकारी सिस्टम से API इंटीग्रेशन की सुविधा देता है।

e. सुरक्षा और बैकअप

डाटा एन्क्रिप्शन, सर्वर बैकअप और लोड बैलेंसिंग जैसे फीचर्स सिस्टम को सुरक्षित और स्थिर बनाए रखते हैं।

f. रिपोर्टिंग और एनालिटिक्स

अधिकारियों को ट्रांजेक्शन वॉल्यूम, विभागीय प्रदर्शन और राजस्व स्थिति की लाइव रिपोर्ट देखने की सुविधा है।

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यह कैसे काम करता है

निम्नलिखित चरणों में OGRAS 2.0 RMS की प्रक्रिया को समझा जा सकता है:

  1. STEP-1 सबसे पहले आप WCDC की आधिकारिक वेबसाइट https://e-nidhi-v2.bihar.gov.in/rms-portal-ui/rms_WelcomePage पर जाएं।
  2. STEPP-2 होम पेज पर आपको ‘MAKE PAYMENT’ का ऑप्शन दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें।

STEP 3-नया पेज ओपन होगा, ‘यहाँ आप दो तरीको से पेमेंट का प्रोसेस पूरा कर सकते है 1 गेस्ट यूजर से और 2 रजिस्टर या अकाउंट बना के आप अपने अनुसार दोनों में से कोई भी एक का चुनाव कर सकते है

    STEP 4-लॉग इन के बाद कुछ ऐसा पेज दिखेगा उस में रिसीप्ट क्रिएशन पे क्लिक करे केटेगरी का चुनाव करे

    STEP 5 :-इस स्टेप में आपको पेमेंट का पर्पस :- डिपार्टमेंट का डिटेल्स उदाहरण – जैसे परिवहन विभाग

    पीरियड डिटेल्स में – one time, monthly, specific period का चुनाव करना है

    Account details – me जिस HOA के लिए पेमेंट कर रहे है उसका चुनाव करना है i और अमाउंट डालना है

    STEP 6:- payer का डिटेल्स में अपना अकाउंट इन्फो देना है,

    STEP 7:-पेमेंट का डिटेल्स में कितना अमाउंट है वो देना है फिर नेक्स्ट बटन पे क्लिक करे .

    STEP 8:-Mode of payment का चुनाव करे

    Online या Pay at Bank ka चुनाव करे – और नेक्स्ट पे क्लिक करे

    STEP 9:-जिस बैंक का चुनाव किया होगा उस बैंक का payemnt page खुल जाएगा

    online payment के लिए पेज pe मौजूद payment option का चुनाव करे जैसे Netbanking,UPI,card etc

    STEP 10:-offilne payment के लिए Challan Generate करे.

    in Shorts:-

    1. सिस्टम एक चालान (Challan) तैयार करता है जिसमें GRN, विभागीय कोड और राशि का विवरण होता है।
    2. भुगतान (Payment)
      • नागरिक ऑनलाइन नेट बैंकिंग, कार्ड या बैंक काउंटर से भुगतान करता है।
      • बैंक गेटवे के माध्यम से ट्रांजेक्शन पूरा होता है।
    3. रसीद निर्माण (Receipt Generation)
      • भुगतान सफल होते ही एक डिजिटल रसीद तैयार होती है जिसे डाउनलोड या प्रिंट किया जा सकता है।
    4. फंड का मिलान और ट्रांसफर
      • RMS सिस्टम बैंक स्टेटमेंट से डेटा मिलाता है और राशि को ट्रेजरी में स्थानांतरित करता है।
    5. रिपोर्टिंग और ऑडिट
      • विभागीय अधिकारी डैशबोर्ड के माध्यम से रिपोर्ट्स और ट्रांजेक्शन डिटेल्स देख सकते हैं।
    चरणजिम्मेदार इकाईइनपुटआउटपुट
    आवेदनविभाग / उपयोगकर्ताशुल्क या टैक्स विवरणचालान जारी
    भुगताननागरिकबैंक या ऑनलाइन मोडसफल भुगतान स्थिति
    रसीदसिस्टमभुगतान की पुष्टिडिजिटल रसीद
    मिलानRMSबैंक डेटाराशि ट्रांसफर और रिपोर्ट
    रिपोर्टिंगप्रशासनिक मॉड्यूलट्रांजेक्शन डेटाडैशबोर्ड और एनालिटिक्स

    नागरिकों और सरकार के लिए लाभ

    नागरिकों के लिए:

    • सुविधाजनक प्रक्रिया: अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
    • ट्रैकिंग की पारदर्शिता: भुगतान की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकती है।
    • समय और मेहनत की बचत: पूरा सिस्टम डिजिटल होने से कार्य तेज़ी से होता है।
    • डिजिटल रसीद: प्रमाण के रूप में तुरंत रसीद प्राप्त होती है।

    सरकार और विभागों के लिए:

    • राजस्व में पारदर्शिता: हर राशि का स्पष्ट लेखा-जोखा।
    • ऑडिट में सुविधा: सारे रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहते हैं।
    • कर्मचारियों का बोझ कम: मैनुअल प्रोसेस खत्म, स्वचालित ट्रैकिंग।
    • डेटा एनालिटिक्स: राजस्व रुझान और विभागीय प्रदर्शन का विश्लेषण आसान।

    चुनौतियाँ और समस्याएँ

    a. तकनीकी गड़बड़ियाँ

    सिस्टम के प्रारंभिक चरणों में कुछ तकनीकी समस्याएँ सामने आईं, जिससे भूमि पंजीकरण जैसे विभागों में भुगतान फंसे रहे।

    b. पुरानी डेटा माइग्रेशन

    पुराने OGRAS से नए RMS में डेटा स्थानांतरित करना चुनौतीपूर्ण रहा। कई पुराने रिकॉर्ड को सटीकता से मिलाना पड़ा।

    c. उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षण

    नए सिस्टम की समझ के लिए कर्मचारियों और नागरिकों को प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ी।

    d. नेटवर्क कनेक्टिविटी

    ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमजोरी के कारण कई बार भुगतान प्रक्रिया बाधित होती है।

    e. पेमेंट गेटवे त्रुटियाँ

    कभी-कभी बैंक गेटवे की दिक्कतों से राशि अटक जाती है या डुप्लीकेट एंट्री बन जाती है।

    f. सुरक्षा खतरे

    किसी भी डिजिटल वित्तीय सिस्टम की तरह साइबर फ्रॉड से सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

    कार्यान्वयन समयरेखा

    OGRAS 2.0 RMS को बिहार में हाल ही में लागू किया गया।

    • शुरुआत में इसे पंजीकरण, उत्पाद, और निषेध विभागों में लागू किया गया।
    • पुराने OGRAS सिस्टम (जो 2017 से उपयोग में था) को चरणबद्ध तरीके से बदला गया।
    • शुरुआती दौर में तकनीकी समस्याएँ आईं, जिन्हें सुधारने का कार्य जारी है।

    विभागीय उपयोग और उदाहरण

    भूमि एवं पंजीकरण विभाग

    भूमि पंजीकरण शुल्क, स्टांप ड्यूटी, और ट्रांजेक्शन फीस के भुगतान OGRAS 2.0 RMS के माध्यम से होते हैं।

    उत्पाद एवं निषेध विभाग

    शराब लाइसेंस, उत्पाद शुल्क आदि के भुगतान भी इस सिस्टम से किए जाते हैं।

    अन्य विभाग

    स्थानीय निकाय, शिक्षा, परिवहन, और शहरी विकास जैसे विभाग भी धीरे-धीरे इस प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ रहे हैं।

    नागरिकों के लिए उपयोगी सुझाव

    • भुगतान करते समय स्थिर इंटरनेट कनेक्शन का प्रयोग करें।
    • GRN नंबर और चालान विवरण को ध्यान से देखें।
    • भुगतान सफल होने के बाद डिजिटल रसीद डाउनलोड करें
    • डुप्लीकेट भुगतान से बचें, पहले ट्रांजेक्शन की स्थिति जांच लें।
    • सपोर्ट नंबर या ईमेल अपने पास रखें।
    • अगर वेबसाइट धीमी चले तो ब्राउज़र कैश साफ करें या दूसरा ब्राउज़र ट्राई करें।

    पुराने और नए सिस्टम की तुलना

    पहलूपुराना OGRASनया OGRAS 2.0 RMS
    विभागीय इंटीग्रेशनसीमितबहु-विभागीय एकीकरण
    फंड ट्रांसफरदेरी सेरियल-टाइम ट्रांसफर
    ट्रांजेक्शन लोडकम क्षमताउच्च क्षमता
    ऑडिट ट्रेलसीमितविस्तृत और ट्रांसपेरेंट
    सुरक्षासामान्यउन्नत सुरक्षा व बैकअप
    रिपोर्टिंगबेसिक रिपोर्टडैशबोर्ड और एनालिटिक्स
    यूज़र इंटरफेसपुरानाआधुनिक और उपयोगकर्ता-अनुकूल

    भविष्य की संभावनाएँ

    • मोबाइल ऐप और UPI इंटीग्रेशन — नागरिक अपने मोबाइल से सीधा भुगतान कर सकेंगे।
    • AI आधारित विश्लेषण — धोखाधड़ी पहचान और राजस्व अनुमान के लिए।
    • ब्लॉकचेन तकनीक — डेटा को सुरक्षित और अपरिवर्तनीय रखने के लिए।
    • सेंट्रलाइज्ड नागरिक डैशबोर्ड — सभी भुगतान और रसीदें एक ही जगह उपलब्ध होंगी।
    • रियल टाइम रिपोर्टिंग — विभागीय राजस्व की लाइव निगरानी।

    Bihar OGRAS 2.0-महत्वपूर्ण लिंक (Important Links)

    लिंकविवरण
    👉 OGRAS 2.0 DIRECT LINKClick Here
    👉आधिकारिक वेबसाइटClick Here

    FAQs about – Bihar OGRAS 2.0

    Q1. OGRAS 2.0 RMS क्या है?

    यह बिहार सरकार का नया ऑनलाइन Revenue Management System है जो सरकारी शुल्क और करों के भुगतान, रिकॉर्डिंग और लेखांकन को डिजिटल रूप में संभालता है।

    Q2. क्या यह पुराने OGRAS को पूरी तरह बदल देगा?

    हाँ, इसका उद्देश्य पुराने सिस्टम को पूरी तरह से अपग्रेड कर अधिक आधुनिक प्लेटफॉर्म बनाना है।

    Q3. नागरिक कैसे भुगतान कर सकते हैं?

    चालान जनरेट करने के बाद GRN नंबर के माध्यम से बैंक या ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है।

    Q4. रसीद कैसे मिलेगी?

    भुगतान सफल होने पर एक डिजिटल रसीद बनती है जिसे डाउनलोड या प्रिंट किया जा सकता है।

    Q5. यदि भुगतान असफल हो जाए तो क्या करें?

    थोड़ा इंतज़ार करें, स्थिति जांचें। यदि राशि कट गई है पर रसीद नहीं बनी, तो विभागीय हेल्पडेस्क से संपर्क करें।

    Q6. क्या यह सभी विभागों के लिए उपयोगी है?

    हाँ, इसे चरणबद्ध तरीके से सभी राजस्व-संबंधी विभागों में लागू किया जा रहा है।


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